अवलोकन
'विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस' एक महत्वपूर्ण अवसर है जो मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और समर्थन के महत्व पर प्रकाश डालता है। तेज़ी से जटिल और परस्पर जुड़ी हुई दुनिया में, किशोरों को उनके सामाजिक और भावनात्मक पहलुओं को पहचानने और समझने के लिए उपकरणों से लैस करने की आवश्यकता है। इसी ज़रूरत को देखते हुए, शोहरतगढ़ एनवायर्नमेंटल सोसाइटी (SES) ने Solh Wellness के सहयोग से 10 अक्टूबर, विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर 'सामाजिक और भावनात्मक शिक्षण' पर एक इंटरैक्टिव वर्कशॉप का आयोजन किया था। यह वर्चुअल वर्कशॉप विशेष रूप से 11 से 19 वर्ष की आयु की किशोरियों के लिए आयोजित की गई थी, जो आर्थिक रूप से कमज़ोर हैं। इस वर्कशॉप में Solh Wellness की सह-संस्थापक मुस्कान गुप्ता और Solh Wellness से जुड़ी अनुभवी प्रोवाइडर श्रीमती सुचिता ठक्कर (क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट) ने किशोरियों को सामाजिक और भावनात्मक शिक्षण के साथ-साथ समग्र मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर चर्चा की थी।
वर्कशॉप के उद्देश्य
इस वर्कशॉप का उद्देश्य किशोर लड़कियों के साथ 'सामाजिक और भावनात्मक शिक्षण' के महत्व को साझा करना और उन्हें अपने मानसिक स्वास्थ्य और समग्र कल्याण में सुधार करने के लिए प्रेरित करना था। कार्यशाला के संक्षिप्त उद्देश्य इस प्रकार हैं:-
- मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता एवं शिक्षा - इस वर्कशॉप का पहला और सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना था, जो छात्राओं की शिक्षा पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है यानी जितना अच्छा मानसिक स्वास्थ्य उतना बेहतर शैक्षणिक प्रदर्शन।
- सशक्तिकरण - वर्कशॉप का दूसरा उद्देश्य था सशक्तिकरण, जो किशोरियों को अपनी भावनाओं को प्रभावी ढंग से समझने, प्रबंधित करने और नेविगेट करने के लिए आवश्यक ज्ञान और उपकरणों के साथ सशक्त बनाना है। यह सशक्तिकरण आत्मविश्वास, लचीलापन और जीवन में आने वाली चुनौतियों से निपटने की क्षमता को बढ़ावा देता है।
- शैक्षणिक सुधार - इस वर्कशॉप का तीसरा उद्देश्य छात्रों में फोकस और अटेंशन को बेहतर बनाना, स्ट्रेस और एंग्जायटी को कम करना, समस्या सुलझाने की कुशलता बढ़ाना, लचीलेपन का निर्माण करना, समय प्रबंधन में सहायता करना और प्रेरणा में वृद्धि करना है जो उन्हें शैक्षणिक स्तर पर सफल होने में मदद करता है।
- मज़बूत रिश्ते बनाने में सहायता - किशोरों के लिए रिश्ते विकसित करना एक महत्वपूर्ण चरण है, जो न सिर्फ उन्हें शैक्षिणक स्तर पर मज़बूती देने में मदद करता है बल्कि जीवन में कठिन परिस्थितियों से निपटने में भी काम आता है, इसलिए इस वर्कशॉप का चौथा और आखिरी उद्देश्य उन्हें साथियों, दोस्तों, परिवार और भागीदारों के साथ स्वस्थ संबंध बनाने में के लिए मार्गदर्शन प्रदान करना था, जिसमें सक्रिय होकर सुनना, सहानुभूति और प्रभावी संचार सिखाना शामिल भी है।
इंटरैक्टिव वर्चुअल सेशन - हाईलाइट
इस इंटरैक्टिव वर्चुअल वर्कशॉप में, किशोरियों को सार्थक तरीकों से शामिल किया गया था, जिसमें हमने उनसे मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात की और उनके सवालों के जवाब दिए। सेशन की कुछ मुख्य हाईलाइट निम्नलिखित हैं:
- इस वर्कशॉप की मॉडरेटर शिवानी उपाध्याय ने, इसका विषय बताते हुए किशोरियों को Solh Wellness की सह-संस्थापक मुस्कान गुप्ता और Solh Wellness से जुड़ी प्रोवाइडर श्रीमती सुचिता ठक्कर (क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट) से परिचय कराया।
- मुस्कान गुप्ता ने अपना परिचय देते हुए किशोरियों से यह जानने का प्रयास किया कि उनकी मानसिक स्वास्थ्य की परिभाषा क्या है, जिस पर कई लड़कियों ने प्रतिक्रिया अपनी अपनी दी।
- सबके जवाब सुनने के बाद मुस्कान गुप्ता ने उन्हें मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर तरीके से समझाने की कोशिश की और वर्कशॉप को मुख्य विषय सामाजिक और भावनात्मक शिक्षण की ओर ले जाते हुए Solh Wellness से जुड़ी प्रोवाइडर श्रीमती सुचिता ठक्कर (क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट) को वर्कशॉप आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी सौंपी।
- श्रीमती सुचिता ठक्कर ने किशोरियों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे समझाते हुए, इस वर्कशॉप के मुख्य विषय 'सामाजिक और भावनात्मक शिक्षण' के ऊपर बात करनी शुरू की।
- वर्कशॉप के दौरान, किशोरियों ने मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कुछ सवाल किए जिनका श्रीमती सुचिता ठक्कर ने सुंदर ढंग से जवाब दिया और किशोरियों को उनकी मानसिक समस्याओं का हल बताया।
एक बड़े इंटरैक्टिव सेशन के साथ इस वर्कशॉप का समापन हुआ जहाँ मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई। अगर आप यह पूरी वर्कशॉप देखना चाहते हैं या आपको लगता है कि यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है, तो दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
https://www.youtube.com/watch?v=64gF77IOW3c